Sunday 13 January 2013

My Sex Story मेरी सेक्स स्टोरी "चुदाई की कहानियां"


हाय ! मेरा नाम अली है और मै पाकिस्तान में रहता हूं। मेरी उमर अभी १८ है। मैं अभी आज कल आवारा गर्दी कर रहा हूं। मैं ५'४'' का हूं। मेरा लंड का साइज़ तो नहीं ज्यादा बड़ा है न ही ज्यादा मोटा है। मेरे लंड का साइज़ ७" के करीब है और मोटाई २" है। मैं आज आप लोगो को अपनी पहली स्टोरी सुनाता हूं जो मैने अपनी भांजी के साथ किया था। ये मेरी रियल स्टोरी है। और मैं अपनी स्टोरी पहली बार लिख रहा हूं। इसलिये हो सकता है कि कुछ गलती भी हो जाये। और कोई चीज छूट भी जाये।

वैसे बात आज से ६-७ महीने पहले की है। उसका नाम सोनिया है। उसकी हाइट भी मेरे जितनी ही है। वो ज्यादा गोरी तो नहीं लेकिन थोड़ी सांवली है, लेकिन उसके बूब्स का साइज़ ३२ है और शरीर से स्वस्थ लगती है। उसकी गांड भी बहुत मस्त है। दिल करता है कि उसे सहलाता ही रहूं और हमेशा उसके गांड मे अपना लंड डाले रहूं। वो और हम साथ साथ एक ही स्कूल मे पढ़ते थे। उसी वक्त उससे मुझे प्यार हो गया और उसे भी मुझसे प्यार हो गया था। वो रिलशन में मेरी भांजी लगती थी। लेकिन एक ही उम्र होने के कारण वो हमेशा मुझे नाम से बुलाती थी।

एक दिन की बात है, मेरी कजिन सिस का मैरिज़ हुआ था। तो हम और रीता अपनी बुआ, कजिन सिस्टर और जीजाजी के साथ अपनी बुआ के गांव जा रहा था। हम गांव ट्रेन से गये। लेकिन गांव स्टेशन से ३ किमी दूर था सो बुआ ने गांव से बैलगाड़ी का इन्तज़ाम किया था। जब हम सब लोग बैलगाड़ी पर जा रहे थे तो वो मुझे जीजाजी के साथ मिलके मुझे छेड़ने लगी। मैं बुआ और कजिन सिस होने के कारण चुप था लेकिन जीजाजी को मैं जवाब दे रहा था। कुछ दूर जाने के बाद वो मुझे चुटकी काटने लगी। कभी वो मेरे बांह में चुटकी काटती तो कभी मेरे कमर में। मैं क्या करता मैने कितने बार बुआ और सिस को बोला तो बुआ ने उसे डांट दिया तो वो फिर बंद करदी लेकिन कुछ देर के बाद वो फिर मुझे चुटकी काटने लगी। फिर मैं भी उसको कभी कभी उसकी बाहों में जाके चुटकी काट लेता था। ऐसे करते करते हम गांव पहुंच गये।

हम सब बैलगाड़ी से उतरे। और घर में गये। मैं सीधा ऊपर दूसरी मंजिल पे चला गया। कुछ देर के बाद वो भी कोई काम से ऊपर आ गयी। वो फिर से मुझे चुटकी काटने लगी। अब मुझसे नहीं रहा गया। फिर मैने पहली बार उसकी बांह में चुटकी काटी। वो कुछ नहीं बोली। फिर मैने उसके गाल पर चुटकी काटी। वो फिर भी कुछ नहीं बोली। फिर मैने हिम्मत करके उसके समीज़ के ऊपर से ही उसके बूब्स पर चुटकी काटा वो कुछ नहीं बोली तो मैं समझ गया कि ये लड़की देने वाली है।

फिर मैं उसके समीज़ के ऊपर से ही उसके बूब्स प्रेस करते हुए रूम में ले गया और बेड पर पटक दिया। फिर मैने उसकी लिप्स की किस ली। कम से कम ५ मिनट तक मैं उसके लिप्स का किस लेता रहा। और उसके बूब्स को चूसने लगा। वो कुछ नहीं बोल रही थी। सिर्फ़ मुझे अपनी बाहों में कसे हुए थी। फिर मैने उसके समीज़ को थोड़ा ऊपर खोलके उसके बूब्स को चूसता रहा। दोनो बूब्स को बारी बारी से चूसता रहा। कभी मैं उसके लिप्स का किस लेता तो कभी मैं उसके बूब्स को चूसता। एक हाथ से मैं उसके दूसरे बूब्स को दबा रहा था तो दूसरे हाथ से मैं उसकी चूत में उंगली कर रहा था। उसकी चूत गीली हो चुकी थी। उसने पैंटी भी नहीं पहन रखी थी। सो मेरी उंगली आसानी से सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत में जा रही थी। वो बहुत जोर से कराह रही थी।

उन्नन्नन्नन्नन्नन्नह्हह। आआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह। ऊऊऊऊऊऊऊउह्हह्हह्हह्ह। ह्हह्हह्हह्हहाआआआआआआअन्नन्नन्नन्नन्नन्नन्नन्नन्नन्न। आआआआआआऊऊऊऊऊऊर चूसो काआआआआर्रर्रर्रर्रर्रूऊऊऊऊ। आआआआआअह्हह्हह्हह आआआआआआऔऊऊऊउर ज्जज्जज्जज्जज्जूऊऊओर से। वो जोर जोर से चिल्ला रही थी। फिर मैने उसके बूब्स को चूसना छोड़ कर मैने उसके लिप्स का किस लेना शुरु कर दिया। क्योंकि वो बहुत जोर से कराह रही थी। मुझे डर लग गया कहीं नीचे बुआ और सिस नहीं सुनले। फिर मैने दरवाजा बंद किया और फिर से उसके बूब्स दबाने शुरु कर दिये और चूसता भी रहा।

कुछ देर के बाद वो फिर से गरम हो गयी। फिर मैने अपना पैंट खोला और अपना लंड उसके हाथ में थमा दिया। मेरा लंड अब तन कर पूरा ९० डिग्री का हो गया था। मैने अपना लंड उसके हाथों पकड़ा दिया। वो पहले तो शरमायी। लेकिन कुछ देर के बाद जब मैने फिर से पकड़ाया तो वो पकड़ ली। मैने उसे बोला कि इसे सहलाओ और आगे पीछे करो। वो वैसा ही करने लगी। मैने फिर उसकी चूत में एक उंगली डाल दी। वो जोर से सिसकारने लगी आआआआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह। जब मैने उसकी चूत में उंगली की वो मेरे लंड को जोर से आगे पीछे करने लगी और जोर से सिसकारी करने लगी। फिर मैने कुछ देर के बाद मैने उसकी सलवार भी उतार दी। वाह! क्या चूत थी। चूत पूरी भीगी हुई थी। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, लगता था कि उसने आज कल में ही शेव किया हो। चूत पूरी पावरोटी की तरह फूली हुई थी।

फिर मैने उसे अपना लंड चूसने के लिये बोला। उसने मना कर दिया। मैने उसे बोला कुछ नहीं होता। तो वो बोल रही थी कि नहीं मुझे घिन आ रही है। फिर मैने उसकी चूत को चूसना शुरु कर दिया। वो चिल्लाने लगी। आआआआआआह्हह्हह्हह्हह। मैं अपनी जीभ से उसे चोद रहा था। वो जोर से सिसक रही थी। अलीईईईईई तुनीई ययययीईईईह क्कक्कक्या कर दिया। मेरी चूत में आग लग रही हैइ। कुछ करो। मैं लगातार उसे चूसता रहा। वो जोर से चिल्ला रही थी और अपना हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत के ऊपर धकेल रही थी। अपने पैरों को कभी ऊपर तो कभी दोनो जांघों को जोर से दबा रही थी। कभी कभी मेरी सांसे फूल जाती थी। कुछ देर के बाद उसने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया। मैने सारा का सारा पानी पी लिया। वो मुझे देख रही थी और जोर से हांफ़ रही थी। जैसे कोई कई मील से दौड़ के आयी हो।

फिर मैने उसे चित लिटाया और उसके गांड के नीचे तकिया लगाया। और उसके पैरों को फैलाया। फिर मैने अपना लंड उसके चूत पे डाल दिया। जब मेरा लंड का सुपाड़ा ही उसकी चूत में गया था वो जोर से चिल्लाने लगी। नहीं मुझे छो ओ ओ ओ ओ ड़ दो। नाआआआआअही म्मम्ममाआआआइन माअर जाआआआउनग्गग्गग्गि। अपन्नाआआआआ लंड निकाल लो। लेकिन मैने अनसुने के जैसा करते हुए एक जोर का धक्का लगाया। वो और जोर से चिल्लायी। फिर मैने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुंह को बंद किया और धक्का लगाता गया। वो छटपटा रही थी। अपने बदन को इधर से उधर करने लगी। लेकिन मैं माना नहीं। मैं धक्का पे धक्का लगाते गया। उसके आंखों से आंसू निकल रहे थे। कुछ देर के बाद मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया। फिर मैं कुछ देर के लिये उसके ऊपर ही पड़ा रहा। कुछ देर के बाद वो शांत हुई। और मुझे गालियां देने लगी। साले तूने ये क्या कर दिया। अपना लंड निकाल। मुझे नहीं चुदवाना। मैं उसके बूब्स को चूसने लगा और एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा। कुछ देर के बाद मैने उसके कानों को भी चूमना शुरु कर दिया। (दोस्तों आप लोगो को पता ही होगा कि अगर किसी लड़की या औरत को जल्दी जोश में लाना हो तो उसके कान को धीरे धीरे चूमो और चूसो । देखो कितनी जल्दी गरम हो जाती है)।

हां तो फिर कुछ देर के बाद वो फिर से गरम हो गयी। फिर मैने धीरे धीरे धक्का लगाना शुरु किया। पहले तो वो चिल्लायी लेकिन कुछ देर के बाद मैने पूछा मजा आ रहा है। वो बोली "हां दीपक, बहुत मजा आआआआ राआआअ हा हाआइ।" और वो सिसकारने लगी। कुछ देर के बाद मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब पूरी मस्ती में थी। हाआआआआआं दीपाआआआक आआआऐसीईए हीइ काआआर्रर्रर्ररू। बाआआहूऊउत्तत म्मम्ममाआआजा आआ राआअहा हाआआइ। वो इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा सब्द भी नहीं बोल पा रही थी। मैं अपनी स्पीड धीरे धीरे बढ़ाता जा रहा था।। हाआआअन राआआआआजाआआ। ऐसीईईए स्सस्सस्सस्सह;ऊऊऊओदूओ। आआआऔर जूऊऊर से चूऊदो। फाड़ दो चूत को आज। आज कुछ भी हो जाये लेकिन मेरी चूत फाआआड़े बाआअगैर मत छह्हह्हूड़ना। आआआअह आआऔर जोर स्सस्सस्सस्सीईईए। ऊऊऊऊऊईईईम्मम्मम्मम्मा। अह्हह्हह्हह्हन्नन्नन्नन्नना। ऐसे ही वो आवाज कर रही थी।

कुछ देर के बाद मैने पाया की मेरा लंड पानी से भीग रहा है। वो पानी छोड़ने वाली थी। वो नीचे से कमर उठा उठा के चिल्लल्ला रही थी। और बड़बड़ा रही थी। हाआआअन और चोदो। मेरी चूत को आज मत छोड़ना। इसे भोसड़ा बना देना। और कुछ देर के बाद वो बोली हाय दीपक मैं झड़ने वाली हूं। मैं भी झड़ने के करीब पहुंच गया था। क्योंकि हम लोग लगातार १५-२० मिनट से चुदाई कर रहे थे। मैने बोला" हाआआआं डारलिंग मैं भी झड़ने वाला हूं।" और मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी। वो कुछ देर के बाद झड़ गयी। मैं भी झड़ने के करीब आ गया था। कुछ देर के बाद मैं भी झड़ गया। वो मुझे कस कर बाहों में जकड़ ली। मैं भी उसके बूब्स के ऊपर पड़ा रहा। कुछ देर के बाद उसने मेरा लंड और मैने उसकी चूत को साफ़ किया।

फिर हम लोगों ने कपड़े पहने और कुछ देर तक एक दूसरे के बाहों में पड़े रहे। हम लोग वहां ३ दिन रुके। हम लोगों को जब भी मौका मिलता था हम लोग सेक्स कर लिया करते थे। उसके कुछ दिन के बाद उसकी शादी हो गयी। वो अपनी ससुराल चली गयी। फिर मैं भी अपनी स्टडी के सिलसिले में दिल्ली चला आया। लेकिन दिल्ली आने के १ साल के बाद वो फिर मुझे दिल्ली में ही मिल गयी। फिर मैने उसके साथ सेक्स किया और क्या क्या किया आप को फ़िर बताउंगा।

2 comments:

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